HONESTY is the most natural thing in the world. It comes to us as natural as breathing..
Honesty creates a immense amount of goodwill for you which will work in your favor even if there is nothing else going in your favor.
The moment you begin to cheat , you lose a little bit of your inner strength. You may look good on the outside but inside you, you know that you are hollow. Appetite and sleep are among the first and most common victims of dishonesty.
How you can avoid becoming dishonest...
If at all a situation occurs when you feel that you just have to be dishonest due to the pressure of your Boss or friend or anybody else. Please try delaying this decision or situation for a few days. Few days later you will observe that the same pressure will not apply on you anymore and you need not to be dishonest. That is the magic of delaying such situation for some days. This is experimented and tested by myself and many others.
So in nutshell, anytime you have to be dishonest because of some pressure , try delaying your decision for a few Days and see the result yourself. You will be able to avoid becoming dishonest.You will attain so much power in few days thinking about that situation and will know that what decision you are taking now is absolutely correct .
And , you will be able to take strong stand for that situation which would have made you dishonest had you accepted that on the very same time / day. So , always make a habit that you buy some time in such situations and then take your decision. You will always come out winner and feel very good about your decision.
The Logic or beauty behind this.....when you delay your decision and start thinking on this problem or situation , your mind and body get enough time to take you on the right path. Mind it, your mind will never betray you, Once you throw a question in your mind and start thinking about it , mind will definitely drive you to the right answer or decision provided you are thinking about that situation and have enough time first to think and then conveying your decision to the concerned person either your Boss or somebody else. You will hundred percent come out correct.
Generally , we take our decisions very fast as it is demanded by higher ups or boss to do it at once .You may commit a mistake in this scenario. Buying time and then rendering your decision is the right method. This technique will never fail and will keep you happy and healthy. And your mind will not carry any burden.
Live a clean , pure and truthful life......This will create a powerful and motivated life for you.
Take a piece of paper and create a life plan for yourself. You need to put down on that piece of paper the following:-
- What are your needs
- What are your desires
Whether they are right or wrong, whether they are ethical or not....
Once these things are clear, your life will take on a different meaning
But keep in mind that if insist on pursuing unethical goals and desires, you will lose out on true success. There will be no people left in your life. They will all drop out, one by one.
Ask about yourself: are you an honest husband, an honest wife, honest colleague, an honest boss , an honest friend.
In each area of your life, it is extremely important to demonstrate total Honesty.......
Honesty will make you Happy all the time and Dishonesty will keep you happy for limited time. Now It is up to you to choose Honesty or Dishonesty , in other words Happiness or Unhappiness. We all know happiness is the ultimate goal in life. Choice is yours......Good Bye
HINDI TRANSLATION :-
ईमानदारी दुनिया की सबसे स्वाभाविक चीज है। यह हमारे लिए
सांस लेने की तरह स्वाभाविक रूप से आता है..
ईमानदारी आपके लिए अपार सद्भावना पैदा करती है जो आपके पक्ष
में कुछ भी न होने पर भी आपके पक्ष में काम करेगी।
जिस क्षण आप धोखा देना शुरू करते हैं, आप अपनी आंतरिक शक्ति को थोड़ा खो देते हैं। आप बाहर
से भले ही अच्छे दिखें लेकिन अंदर से आप जानते हैं कि आप खोखले हैं। भूख और नींद
बेईमानी के पहले और सबसे आम शिकार हैं।
बेईमान बनने से कैसे बचें...
अगर कभी भी ऐसी स्थिति आती है जब आपको लगता है कि आपको अपने
बॉस या दोस्त या किसी और के दबाव के कारण बेईमानी करनी है। कृपया इस निर्णय या
स्थिति को कुछ दिनों के लिए विलंबित करने का प्रयास करें। कुछ दिनों बाद आप
देखेंगे कि वही दबाव अब आप पर लागू नहीं होगा और आपको बेईमान होने की आवश्यकता
नहीं है। ऐसी स्थिति को कुछ दिनों के लिए टालने का यही जादू है। यह मेरे और कई
अन्य लोगों द्वारा प्रयोग और परीक्षण किया गया है।
तो संक्षेप में कहें तो कभी भी किसी दबाव के कारण आपको
बेईमानी करनी पड़े तो कुछ दिनों के लिए अपने निर्णय में देरी करने का प्रयास करें
और परिणाम स्वयं देखें। आप बेईमान होने से बचने में सफल रहेंगे।
आप उस स्थिति के बारे में सोचकर कुछ ही दिनों में इतनी
शक्ति प्राप्त कर लेंगे और जानेंगे कि अभी आप जो निर्णय ले रहे हैं वह बिल्कुल सही
है।
और, आप उस स्थिति के
लिए कड़ा रुख अपनाने में सक्षम होंगे, जिसने आपको बेईमान बना दिया होता अगर आपने उसी समय /
दिन को स्वीकार कर लिया होता। इसलिए हमेशा एक आदत बनाएं कि आप ऐसी परिस्थितियों
में कुछ समय खरीद लें और फिर अपना निर्णय लें। आप हमेशा विजेता बनकर आएंगे और
निर्णय के बारे में बहुत अच्छा महसूस करेंगे।
आम तौर पर, हम अपने निर्णय
बहुत तेजी से लेते हैं यदि उच्च अधिकारियों या बॉस द्वारा इसकी मांग या आदेश दिया
जाता है और गलती हो सकती है। समय ख़रीदना और फिर अपना निर्णय देना सही तरीका है।
एक स्वच्छ, शुद्ध और सच्चा जीवन जिएं ...... यह आपके लिए एक शक्तिशाली और प्रेरित जीवन का निर्माण करेगा।
कागज का एक टुकड़ा लें और अपने लिए एक जीवन योजना बनाएं। आपको उस कागज़ के टुकड़े पर निम्नलिखित बातें रखनी होंगी:-
- आपकी क्या जरूरत है
- आपकी क्या इच्छाएं हैं
वे सही हैं या गलत, वे नैतिक हैं या नहीं....
एक बार जब ये बातें स्पष्ट हो जाएँगी, तो आपका जीवन एक अलग अर्थ ग्रहण करेगा
लेकिन ध्यान रखें कि यदि आप अनैतिक लक्ष्यों और इच्छाओं का पीछा करने पर जोर देते हैं, तो आप सच्ची सफलता से चूक जाएंगे। आपके जीवन में कोई भी व्यक्ति नहीं बचेगा। वे सब एक-एक करके बाहर हो जाएंगे।
अपने बारे में पूछें: क्या आप एक ईमानदार पति, एक ईमानदार पत्नी, ईमानदार सहकर्मी, एक ईमानदार बॉस, एक ईमानदार दोस्त हैं।
अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में पूर्ण ईमानदारी का
प्रदर्शन करना अत्यंत आवश्यक है.......
ईमानदारी आपको हर समय खुश रखेगी और बेईमानी आपको सीमित समय
के लिए खुश रखेगी। अब यह आप पर निर्भर है कि आप ईमानदारी या बेईमानी को दूसरे
शब्दों में सुख या दुख को चुनें। हम सभी जानते हैं कि खुशी जीवन का अंतिम लक्ष्य
है। चुनाव आपका है......अलविदा
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